- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
दिल्ली की हवा काफी खतरनाक हो गया है और यह सब हो रहा है जीआरएपी ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान ) के बावजूद। राजधानी में प्रदुषण की परिस्थिति पे नियंत्रण नहीं लग रहा और एनसीआर में प्रदुषण स्तर अभी भी ऊपर ही जा रहें हैं। पिछले रविवार को, दिल्ली के आस-पास का बहादुरगढ़ देश का सबसे ज़्यादा प्रदूषित क्षेत्र बन गया था। इसके बाद, दिल्ली का नंबर था दूसरे पायदान पर। अगर बात करें रविवार की, तो राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI ) ने एक डर का संकेत दिया - 1282 का स्तर।
दिल्ली गैस चैम्बर जैसे बन गयी है। बीते रविवार की रात 8 बजे जब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली का AQI 441 दिखाया, तभी एक स्विस कंपनी, आईक्यूएयर के ऐप पे यह नंबर 1, 121 तक पहुँच गया, जो की बिलकुल खतरनाक था और 9:30 बजे यह नंबर 1,282 तक बढ़ गया।
अगर एनसीआर के बाकी शहरों का विश्लेषण करें तो आईक्यूएयर के ऐप पर उसी वक़्त हरयाणा के बहादुरगढ़ में एक्यूआई 707, गुरुग्राम में 829, ग़ज़िआबाद में 651 और नोएडा में 418 रिकॉर्ड किया गया। पर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड के संख्या में आंकड़े से काफी अलग थे। अब सुबह को दिल्ली का एवरेज एक्यूआई 481 था और आनंद विहार में यह नंबर 624 तक चला गया।
पहाड़ों पे हो रही बर्फ़बारी और पश्चिम विक्षोभ के प्रभाव की वजह से टेम्परेचर थोड़ा बदला है। आईएमडी के मौसम विज्ञानी आर.के. जेनमनी के हिसाब से इस हवा में ठंड और नमी को बढ़ा रहा है, जिससे धुंध का स्तर भी बढ़ रहा है। रात को मध्यम से घना कोहरा भी हो सकता है जो प्रदुषण के स्तर को और बढ़ा सकता है।
रविवार को एनसीआर के कुछ क्षेत्रों में एक्यूआई का स्तर काफी ज़्यादा था जैसे आईक्यूएयर ऐप ने 9:30 बजे पर कानपूर में एक्यूआई 156 और हरिद्वार में 153 दिखाया। फरीदाबाद में 263 और सोनीपत में 211 था।
तो प्रदुषण से जूझने वाली परिस्थिति अब ज़्यादा गंभीर हो गयी है और यह सवाल उठ रहा है की क्या सच में हमारे प्रदुषण नियंत्रण पैमाने काफी हैं?