Sunday, December 22, 2024

तथ्यों की जांच: क्या हेमंत सोरेन ने 'मुफ्त कफन' बांटने की घोषणा? जानें सच्चाई


झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है और मतदान की तारीखें भी नजदीक आ चुकी हैं। इस बीच, सोशल मीडिया पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह राज्य में मुफ्त कफन देने की घोषणा करते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को चुनाव से जुड़ा हुआ बताते हुए बड़ी तेजी से शेयर किया जा रहा है। 

सोशल मीडिया यूज़र्स इस वीडियो को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हेमंत सोरेन की एक नई घोषणा के तौर पर पेश कर रहे हैं। एक यूज़र ने वीडियो के साथ लिखा, "मुख्यमंत्री जी अब झारखंडवासियों को मुफ्त में कफन देंगे, वाह! फ्रीबी की दौड़ में अब तक सबसे आगे, लेकिन इसके असली मतलब को समझने की कोशिश किसी ने नहीं की।"

लेकिन जब फैक्ट चेक किया गया तो सामने आया कि यह वीडियो हालिया नहीं है, बल्कि 2021 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान का है। उस वक्त हेमंत सोरेन ने कोरोना के चलते हो रही मौतों को लेकर अंतिम संस्कार के लिए लोगों को मुफ्त कफन देने का ऐलान किया था।

क्या है असल सच? 

झारखंड में 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले, यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, और लोग इसे एक ताज़ा चुनावी वादा मान रहे हैं। पर असल में यह वीडियो मई 2021 का है, जब कोरोना की दूसरी लहर में झारखंड के मुख्यमंत्री ने गरीबों को अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त कफन उपलब्ध कराने का फैसला लिया था। 

हमने इसकी सच्चाई का पता करने के लिए कुछ कीवर्ड्स से खोज की, और पाया कि इस वीडियो को मई 2021 में विभिन्न न्यूज़ रिपोर्ट्स में कवर किया गया था। ज़ी न्यूज़ के वीडियो में हेमंत सोरेन का वही बयान मौजूद है, जहां वह कोरोना से हो रही मौतों के मद्देनज़र यह घोषणा कर रहे थे। उस वक्त भाजपा ने इसे लेकर आलोचना की थी, जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने पलटवार किया था।

मई 2021 में इस फैसले को लेकर न्यूज़18 बिहार झारखंड, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और जनसत्ता जैसे प्रमुख मीडिया हाउसेज़ ने भी रिपोर्ट्स प्रकाशित की थीं। इस दौरान यह स्पष्ट किया गया था कि मुख्यमंत्री ने लोगों को कफन उपलब्ध कराने की घोषणा कोरोना संकट के बीच की थी। 

क्या है असली स्थिति?  

हेमंत सोरेन ने इस समय कोई चुनावी वादा नहीं किया है और न ही झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए उनके घोषणा पत्र में ऐसी कोई बात शामिल है। 

हमारी जांच के मुताबिक, यह वीडियो बिल्कुल 2021 का है और इसका चुनाव से कोई ताल्लुक नहीं है। 

निष्कर्ष:  

सामाजिक मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर जो दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह से गलत है। यह वीडियो मई 2021 का है और इसका चुनावी वादों से कोई संबंध नहीं है। हेमंत सोरेन ने अभी तक इस तरह का कोई चुनावी वादा नहीं किया है।

Super Admin

Santosh Singh

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