- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव, जब भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का फैसला लिया। बुधवार को हुई भाजपा की कोर कमेटी और विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई, और केंद्रीय पर्यवेक्षक विजय रूपाणी ने इस फैसले का ऐलान किया। महायुति के नेताओं ने अब राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश किया है।
बैठक के दौरान चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगांटीवार ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने स्वीकार किया। केंद्रीय पर्यवेक्षकों निर्मला सीतारमण और विजय रूपाणी की मौजूदगी में हुई इस बैठक के बाद, फडणवीस को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया गया।
अब 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शाम 5 बजे होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए के कई केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे। देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जो उनके लिए एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पल होगा।
जनता का विश्वास, भाजपा की ऐतिहासिक जीत
भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने इस जीत को महायुति के नेतृत्व में ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि पार्टी को जो जनादेश मिला है, वह जनता की खुलकर दी गई वोटों का परिणाम है।
फडणवीस ने विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महायुति को जनता ने ऐतिहासिक जनादेश दिया है। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र को विकास के नए रास्ते पर ले जाने का संकल्प लिया गया है।
महाराष्ट्र में भाजपा की ताकत
2019 में 80 घंटे के लिए सीएम बने फडणवीस के लिए यह तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर है। भाजपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 132 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि महायुति गठबंधन ने कुल 236 सीटों पर विजय प्राप्त की। अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिलीं, और शिंदे की शिवसेना ने 57 सीटें जीतीं। भाजपा को पांच निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है, जो इस ऐतिहासिक जीत को और मजबूती प्रदान करता है।
देवेंद्र फडणवीस का नेतृत्व महाराष्ट्र में नए शासन की शुरुआत करेगा, जिसमें विकास और जनकल्याण की दिशा में बड़े कदम उठाए जाने की संभावना है।