- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झाँसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बीते शुक्रवार रात एक बजे बड़ी दुर्घटना घटी, जिसमें एनआईसीयू ( नूबोर्न इंटेंसिव केयर यूनिट ) में लगी आग ने 10 नवजातों की जान ले ली। 37 बच्चों को सुरक्षित निकल लिया गया, लेकिन इस हादसे ने पुरे शहर को हिला कर रख दिया।
आग कैसे लगी ?
बताया जा रहा है की आग लगने की वजह शार्ट सर्किट थी। एनआईसीयू वार्ड में रात 10:40 बजे आग लगी और कुछ ही देर में आग की लपटों ने विकराल रूप ले लिया। यह देख स्वजन अपने नवजातों को गोद में उठा कर धुंए और आग के बीच भाग रहे थे। हर तरफ चीख-पुकार हो रही थी, और बिजली काट दी गयी थी जिससे हालत और नाज़ुक हो गए।
रात भर चली बचाव कार्यवाही
आग की जानकारी मिलते ही फ़ौज और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। दमकल की कई गाड़ियों ने रात भर कड़ी म्हणत करके आग पर काबू पाया। आर्मी भी मदद के लिए मौके पर मौजूद थी। अग्निशमन ने वार्ड की खिड़कियों का गिलास तोड़ कर अंदर घुसे और फिर बचाव अभियान शुरू किया।
सीएम योगी ने क्या कहा ?
सीएम योगी आदित्यनाथ ने घटना पर तुरंत संज्ञान लिया और डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा को झाँसी भेजने के आदेश दिए। सीएम ने कहा की यह घटना अत्यंत दुखद और दिल को चुने वाली है। उन्होंने मृतक नवजातों के परिवार को 5 लाख रुपए और घायलों के परिवार को 50 हज़ार रुपए की मदद तुरंत देने के निर्देश दिए हैं।
12 घंटे में मांगी गयी रिपोर्ट
सीएम योगी ने जिला प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारीयों को आर्डर दिया की जल्दी रहत और बचाव ऑपरेशन पूरा किया जाये। साथ ही, मंडलायुक्त और डी. ी. जी. को कहा गया की १२ घंटे के अंदर पूरी रिपोर्ट जमा करे। सीएम ने घायलों के इलाज के लिए उचित व्यवस्था करने और प्रभावित परिवारों की मदद करने पर ज़ोर दिया.
"धुए और लपटों में गुम हो गए सपने"
दर्दनाक हादसे के बाद एनआईसीयु वार्ड में उस वक़्त 50 बच्चे भर्ती थे, और हर तरफ चीखें सुनाई दे रही थी। जो लोग अपने बच्चों के साथ वहां से निकले, उनकी आँखों में डर और शोक था।
क्या-क्या हुआ बचाओ अभियान में ?"
-50 नवजात भर्ती: एनआईसीयु वार्ड में उस वक़्त 50 बच्चे एडमिट थे।
-37 बच्चों का बचाव: आग लगने की वजह शार्ट सर्किट को माना जा रहा है।
यह हादसा सिर्फ एक हॉस्पिटल त्रासदी नहीं है, बल्कि एक सिस्टम पर बड़ा सवाल है, झाँसी चिकित्सा विद्यायला की सुरक्षा रिपोर्ट की जांच और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाना अब ज़रूरी है।
" हमारी प्राथना है की मृतक बच्चों की आत्मा को शांति मिले और घयलों को जल्दी से जल्दी स्वस्थ्य लाभ हो। "