- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र बीजेपी ने बगावत करने वाले अपने नेताओं पर सख्त कार्रवाई की है। भाजपा प्रदेश महामंत्री प्रदीप वर्मा ने पूर्व प्रदेश मंत्री मिस्त्री सोरेन, किसान मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश कुमार शुक्ला और अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष शिवचरण मालतो को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
गुमला से मिशिर कुजूर पर भी गिरी गाज:
गुमला के बागी उम्मीदवार मिशिर कुजूर पर भी पार्टी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रदीप वर्मा ने पत्र जारी कर बताया कि पार्टी के निर्णयों के खिलाफ जाकर चुनाव मैदान में उतरने के कारण यह सख्त कदम उठाया गया है।
निरंजन पासवान ने दिया भाजपा से इस्तीफा:
पाटन (पलामू) के भाजपा नेता निरंजन पासवान ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी नाराजगी ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि भाजपा, जो कभी नीति-सिद्धांतों के लिए जानी जाती थी, अब व्यक्ति विशेष की पार्टी बनकर रह गई है। समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी और पार्टी में बढ़ते व्यक्तिवाद के कारण उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।
बरवाडीह में भाजपा को झटका, युवा और महिलाएं कांग्रेस में शामिल:
लातेहार के बरवाडीह में भाजपा के लिए एक और झटका तब लगा जब गढ़वाटांड़ गांव के दर्जनों युवाओं और महिलाओं ने भाजपा प्रत्याशी हरिकृष्णा सिंह से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। उन्होंने महागठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र सिंह को समर्थन देने का ऐलान किया। रामचंद्र सिंह ने सभी नव-शामिल सदस्यों का कांग्रेस पट्टा और अंगवस्त्र देकर स्वागत किया।
गढ़वाटांड़ के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने भाजपा उम्मीदवार हरिकृष्णा सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जनता की समस्याओं को लेकर उदासीन हैं और क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता काफी कम है। कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस अनदेखी का असर विधानसभा चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस ने भी बागियों पर की सख्त कार्रवाई:
BJP की तरह कांग्रेस ने भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल अपने नेताओं पर सख्ती दिखाई है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने देवेंद्र सिंह बिट्टू, मुनेश्वर उरांव, और इसराफिल अंसारी को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। ये सभी नेता कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे, जिससे पार्टी अनुशासन का उल्लंघन हुआ।
झारखंड में जारी इस राजनीतिक हलचल के बीच, भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने-अपने बागियों पर शिकंजा कसते हुए अपनी पार्टी में अनुशासन कायम रखने की कोशिश कर रहे हैं।