- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
छठ पूजा के बाद, जब लोग अपने घर से काम पर वापस लौट रहें हैं, तो ट्रेंस में कन्फर्म्ड टिकट्स के लिए भीड़ काफी बढ़ गयी है। जंक्शन पर आरक्षण काउंटर के आस-पास लोग अपने टिकट्स के लिए रात भर जागते हैं, पर फिर भी उन्हें कनफर्म्ड टिकट नहीं मिल पा रही है। 24 घंटे लाइन में लगने भी अगर टिकट नहीं मिलता तो उन्हें बदली के रूप में दलालों से टिकट खरीदना पड़ता है।
यह सब इसलिए हो रहा है क्यूंकि 'तत्काल' सर्विस पर दलालों का पूरा कब्ज़ा है। ये लोग अपने 'लेटेस्ट सॉफ्टवेयर' का इस्तेमाल करते हैं जबकि आम यात्रियों को 'आईआरसीटीसी' तक प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है। वेबसाइट अक्सर 'सुलभ' नहीं हो पाती है जिसका फ़ायदा दलाल उठा रहें हैं। ये दलाल अपने ग्राहकों को दुरी और भीड़ के हिसाब से ओवरचार्ज करते हैं और एक टिकट के लिए 1000 रुपए से लेकर 3000 रुपयों तक ज़्यादा पैसे वसूल करते हैं।
और यह दलाल सिर्फ ट्रैन टिकट्स नहीं बल्कि फ्लाइट्स के टिकट्स भी बेच रहें हैं- दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता के फ्लाइट्स का टिकट्स भी। विमान किराया बढ़ाने का फ़ायदा भी यह लोग अच्छे से उठा रहें हैं। पिछले साल, पूर्व मध्य रेल में 500 से ज़्यादा टिकट दलाल पकडे गए थे। इस बार, कोर्ट के आर्डर के बाद सिर्फ 150 के आस-पास दलाल पकडे गए। एक दलाल तो एमपी के लेटरपैड का इस्तेमाल कर रहा था, जिसमें 500 लेटरपैड्स का स्टॉक था, जो बाद में आरपीएफ ने जब्त किये थे।
टिकट दलाल अपने काम के लिए अग्रिम सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रहें हैं। यह लोग 'नेक्सेस 2.0' जैसे हाई-टेक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें और भी 10 सॉफ्टवेयर शामिल हैं, जैसे 'कोविड', 'बीटीएस', 'एएनएमएस', 'नशा', 'विनजिप', 'रेड मिर्ची', 'स्टार', 'गदर रेड बुल', आदि। यह सब टूल्स उसे करके यह दलाल तुरंत टिकट बुक कर लेते हैं।
आईआरसीटीसी ने इस तरह के फ्रॉड को रोकने के लिए एक सख्त मॉनिटरिंग सिस्टम भी शुरू किया है जिसमें 10 करोड़ से ज़्यादा व्यक्तिगत उपयोगकर्ता आईडी को निष्क्रिय किया जा चूका है। हर दिन आईआरसीटीसी अपने प्लेटफार्म पर निगरानी कर रहा है और धोखाधड़ी करने वाले उपयोगकर्ता की तुरंत पहचान कर उनकी आईडी को निष्क्रिय कर रहा है।
आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने बताया की साइट पर लोड को हैंडल करने के लिए सर्वर की क्षमता को भी बढ़ाया गया है। अब सर्वर पर 15 से 20 हज़ार हिट्स / सेकंड आ रहें हैं और इस परेशानी को हल करने के लिए काम चल रहा है।
एक महत्वपूर्ण अपडेट यह भी है की आईआरसीटीसी के एजेंट्स को 'तत्काल' टिकट बुकिंग का कोई राइट नहीं दिया गया है। वो सिर्फ 15 मिनट्स के बाद ही टिकट बुक कर सकते हैं। इस टाइम से पहले उनका आईडी काम नहीं करेगा।
तो यह समझना ज़रूरी है की दलालों का काम चल रहा है लेकिन आईआरसीटीसी भी अपने प्लेटफार्म को सुरक्षित और अभय बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है ताकि आम यात्रियों को भी अपने टिकट्स मिल सकें बिना किसी दिक्कत के।