Monday, December 23, 2024

बिहार न्यूज़: आकांक्षा बरनवाल की प्रेरणादायक यात्रा, अमेरिका के विश्वविद्यालय में रिकॉर्ड बनाकर रचा इतिहास


बड़े सपने देखने का साहस और उन्हें पूरा करने की जिद हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती।" यह कहानी है बिहार के नवादा जिले की आकांक्षा बरनवाल की, जिन्होंने अपनी मेहनत, लगन और परिवार के अटूट समर्थन के दम पर वो मुकाम हासिल किया, जो लाखों युवाओं का सपना होता है। आकांक्षा दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन "नासा" में अपनी जगह बनाई है। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि हर उस युवायों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखने का हौसला रखते हैं।  

शुरुआती शिक्षा और संघर्ष: नवादा से आईआईटी तक  

आकांक्षा का सफर एक साधारण छोटे शहर से शुरू हुआ। उन्होंने नवादा के एक स्थानीय स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई की। हालांकि साधारण स्कूल से पढ़ाई करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनके हौसले बुलंद थे। उन्होंने नवादा में रहकर ही कड़ी मेहनत से आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी की और सफलता प्राप्त की। इसके बाद उनका दाखिला "आईआईटी मद्रास" में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में हुआ। यहां उन्होंने न सिर्फ अपनी मास्टर डिग्री पूरी की, बल्कि एयरोस्पेस साइंस के क्षेत्र में अपना करियर बनाने की ठान ली।  

टेक्सास में रिसर्च और नासा तक का सफर  

2017 में आकांक्षा ने अमेरिका का रुख किया और टेक्सास के एक संस्थान में रिसर्च शुरू की। उनकी रिसर्च का विषय अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उनकी लगन ने उन्हें कभी हारने नहीं दिया। 

इसके बाद आकांक्षा ने "सांडिया नेशनल लैबोरेटरी, कैलिफोर्निया" में काम शुरू किया। फरवरी 2022 में उन्होंने हाइड्रोजन-एयर प्लेनर विस्फोट और गैर-थर्मल टर्मोमोलेक्यूलर प्रतिक्रिया पर रिसर्च की, जो एयरोस्पेस विज्ञान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। उनकी इस रिसर्च को "एआईएए साइटेक फोरम" में प्रकाशित किया गया, जिससे उनकी वैज्ञानिक क्षमता को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।  

एयरक्राफ्ट की स्पीड पर नई खोज  

वर्तमान में आकांक्षा एयरक्राफ्ट की स्पीड बढ़ाने पर काम कर रही हैं। उनका मानना है कि इस क्षेत्र में नए रिसर्च की जरूरत है। अगर उनकी यह रिसर्च सफल होती है, तो एयरक्राफ्ट की गति को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी, जिससे एयरोस्पेस क्षेत्र में नई क्रांति आ सकती है।  

परिवार का योगदान: प्रेरणा की असली ताकत  

आकांक्षा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को दिया। उनके पिता सुनील कुमार ने घर में शैक्षणिक माहौल बनाया और हमेशा उनका साथ दिया। उनकी मां रीना देवी और भाई अंकित प्रकाश, जो यूनियन बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं, उनके सबसे बड़े सपोर्ट सिस्टम रहे। आकांक्षा की प्रेरणा **कल्पना चावला** थीं, जिन्होंने उन्हें एयरोस्पेस साइंस में करियर बनाने का हौसला दिया।  

उनके दादा अर्जुन बरनवाल, जो मगध विश्वविद्यालय के बड़े स्कॉलर थे, ने भी उन्हें हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आज आकांक्षा की इस उपलब्धि से उनका परिवार गर्व से झूम उठा है।  

आकांक्षा की सफलता: हर युवा के लिए प्रेरणा  

आकांक्षा की कहानी यह साबित करती है कि बड़े सपने देखना और उन्हें पूरा करना हर किसी के लिए मुमकिन है। यह सिर्फ उनकी मेहनत और काबिलियत का नतीजा नहीं है, बल्कि उनके परिवार के साथ, सही मार्गदर्शन और अदम्य हौसले का भी प्रमाण है।  

उनकी यह यात्रा हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों में रहते हुए भी बड़े सपने देखने की हिम्मत करते हैं। आकांक्षा बरनवाल ने एक बार फिर साबित किया कि अगर आपके इरादे मजबूत हैं, तो कोई भी मंजिल नामुमकिन नहीं।  

Super Admin

Santosh Singh

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