- द्वारा Santosh Singh
- Jun 21, 2023
महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों चर्चा का केंद्र बनी हुई है। विधानसभा चुनावों के नतीजे आए हुए कई दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है, और इसी बीच शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की भूमिका को लेकर बड़ा बयान दिया है।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व की प्रशंसा
शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने सोमवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा गया था, और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को उनके योगदान का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह दिल्ली पर निर्भर करता है कि वह शिंदे का कद कैसे बनाए रखती है। हमारे नेता ने साबित कर दिया है कि असली शिवसेना कौन है।"
महायुति ने जीता चुनाव, बीजेपी सबसे आगे
महायुति गठबंधन (शिवसेना-शिंदे गुट, भाजपा, और एनसीपी-अजित पवार गुट) ने 288 सीटों वाली विधानसभा में 230 सीटें जीतकर बड़ी सफलता हासिल की। इनमें भाजपा ने 132 सीटों के साथ बाजी मारी, जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।
फडणवीस सबसे मजबूत दावेदार
दो बार मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। भाजपा ने ऐलान किया है कि नया मुख्यमंत्री 5 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ लेगा। सहयोगी दलों को उपमुख्यमंत्री पद दिए जाने की संभावना है।
शिंदे पर समर्थन में खड़े केसरकर
चुनावों के बाद शिंदे की भूमिका पर सवाल उठाने वालों को जवाब देते हुए केसरकर ने कहा कि महायुति की जीत ध्रुवीकरण और सशक्त नेतृत्व का नतीजा है। उन्होंने कहा, "शिंदे ने अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है। अब यह भाजपा पर निर्भर है कि वह उनका सम्मान कैसे बरकरार रखती है।"
भाजपा नेता गिरीश महाजन ने की शिंदे से मुलाकात
भाजपा नेता गिरीश महाजन ने सोमवार को एकनाथ शिंदे से उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने और शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों पर चर्चा के लिए मुलाकात की। महाजन ने कहा, "गठबंधन में सब कुछ ठीक है, कोई नाराजगी नहीं है। हम महाराष्ट्र के लोगों के लिए मिलकर काम करेंगे।"
विपक्ष की अफवाहों पर पलटवार
केसरकर ने महायुति में मतभेद की अफवाहों को विपक्ष की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, "महायुति पूरी तरह एकजुट है। विपक्ष के पास अब केवल अफवाहें फैलाने का काम बचा है।"
5 दिसंबर को शपथ ग्रहण की तैयारी
महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री 5 दिसंबर को शपथ लेगा। महायुति के नेताओं और समर्थकों की निगाहें इस ऐतिहासिक पल पर टिकी हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में सस्पेंस, बयानबाजी और चर्चाओं का सिलसिला जारी है। देखना दिलचस्प होगा कि गठबंधन की यह नई सरकार किस दिशा में आगे बढ़ती है।